महाधमनी धमनीविस्फार और महाधमनी विच्छेदन
ID: ANH12061hin
MEDICAL ANIMATION TRANSCRIPT: एओटा यानी की महाधमनी आपके शरीर की सबसे बड़ी आर्टरी यानी की धमनी है। आपका हृदय ताजे ऑक्सीजन वाले रक्त को पंप करके आपके एओटा यानी की महाधमनी के माध्यम से आपके शरीर के सभी अंगों और ऊतकों तक पहुंचता है और उन्हें ऑक्सीजन और पोषण प्रदान करता है। आपकी एओटा यानी की महाधमनी को दो मुख्य वर्गों में बांटा गया है थोरेसिक एओटा और एब्डोमिनल एओटा। थोरेसिक एओटा के चार हिस्से होते हैं एओटिक रूट, असेंडिंग एओटा, एओटिक आर्क और डिसेंडिंग एओटा। आपकी एओटा यानी की महाधमनी की दीवार तीन परतों से बनी होती है जो उसे ताकत देती है। इंटिमा या अंदर की परत, मीडिया या मध्यम परत और ऐडवेंटिशिया या बाहरी परत। लोचदार पेशीय मीडिया आपके ब्लड प्रेशर यानी की रक्तचाप को धमनी की दीवार को फाड़ने से रोकती है। समय के साथ अपक्षयी बीमारी मीडिया परत के टूटने के कारण हो सकती है। आपके महाधमनी की दीवार जो कमजोर कर सकती है समय के साथ डिजेनरेटिव बीमारी यानी की लगातार उपयोग और उम्र संबंधी बीमारी के कारण मीडिया परत टूटती जाती है और आपकी एओटा की दीवार कमजोर कर देती है। कमजोर पड़ गए हिस्से के खिलाफ़ रक्त लगातार पंप होने से ये हिस्सा एक गुब्बारा की तरफ फूल कर बाहर निकल कर आ सकता है जब ऐसी स्थिति आपकी छाती में पैदा होती है। इससे थोरेसिक एओटिक एन्युरिज्म यानी की महाधमनी विस्फार कहा जाता है। यह एन्युरिज्म कई सारी जगहों में कोई एक जगह पर हो सकता है। जिसमें शामिल हैं एओटिक रूट, एसेन्डिंग एओटा, और डिसेंडिंग एओटा। अधिकांश थोरेसिक एन्युरिज्म में कोई लक्षण नहीं होते हैं, हालांकि जब वे आकार में बढ़ते हैं, तो उनकी तीव्रता और स्थान के आधार पर विभिन्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं। स्थिर थोरेसिक एन्युरिज्म के लक्षणों में शामिल है; सांस लेने में कठिनाई होनी, छाती में, पीठ में या पेट में दर्द होना, निगलने में कठिनाई होनी और आवाज कर्कश हो जानी। यदि एन्युरिज्म फट जाता है तो अधिक गंभीर लक्षण दिखाई देंगे। जैसे छाती में एक विशेष प्रकार की उत्तेजना होनी। पीठ में दोनों कंधे की हड्डियों के बीच में दर्द होना। चक्कर आना, घूमने और चलने में और बोलने में कठिनाई का अनुभव करना। यदि आपको ये लक्षण होते हैं यह स्थिति घातक है और इसलिए आपको तत्काल चिकित्सा उपचार करना चाहिए। कमजोर पड़ गई एओटा की दीवार पर लगातार पंप होते रक्त या उसके दबाव से दूसरी घटक परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसे एओटिक यानी की महाधमनी डिसेक्शन यानी की विच्छेदन कहा जाता है, जो एन्युरिज्म के साथ या उसके बिना भी हो सकती है। सबसे आम परिस्थितियों में एओटिक डिसेक्शन की शुरुआत इंटिमा स्तर में यानी की एओटा के सबसे अंदर के स्तर में नुकसान होने के साथ होती है। इंटिमा स्तर के टूटे हुए हिस्से में रक्त पारित होने लगता है जो उसे मीडिया स्तर से अलग करता है जिससे आपकी एओटा की दीवार में रक्तस्राव होता है। नतीजतन एक फ्लैप यानी की लटकती हुई वस्तु जिसे सेप्टम कहा जाता है, एक सही एओटिक चैनल यानी की नहर और एक गलत एओटिक चैनल यानी की नहर के बीच बन जाता है। यहाँ से रक्त एओटा की दीवार की बाहरी परत को फाड़कर बाहर बह सकता है, जिसके कारण तत्काल एक घातक परिस्थिति पैदा हो सकती है या फिर वह इंटिमा के दूसरे फटे हुए हिस्से में से वापस एयोटा में प्रवेश कर सकता है। समय के साथ एओटा की गलत चैनल में रक्त के थक्के बन सकते हैं। एओटिक डिसेक्शन को उसके स्थान और लक्षणों की अवधि के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। स्टैनफोर्ड प्रणाली के अनुसार, यदि आपको एसेन्डिंग एओटा में एओटिक डिसेक्शन हुआ है तो उसे टाइप ए डिसेक्शन कहा जाता है। अन्य सभी डिसेक्शन को टाइप बी कहा जाता है। थोरेसिक एओटिक डिसेक्शन का सबसे सामान्य रूप से देखा जाने वाला लक्षण हैं छाती में तेज या वेधन दर्द होना जो आमतौर पर अचानक और गंभीर होता है। यदि आपको टाइप ए डिसेक्शन है तो आपकी छाती में दर्द महसूस होने की संभावना है। यदि आपको टाइप बी डिसेक्शन है तो आपकी छाती की तुलना में आपके पेट में दर्द महसूस करने की अधिक संभावना है। यदि आपको यह लक्षण होते हैं यह स्थिति घातक है और इसलिए आपको तत्काल चिकित्सा उपचार कराना चाहिए।
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